:- पंडित दीन दयाल
उपाध्याय ग्रामोधार रोजगार योजना
Ø 25 जनवरी, 2018 को
उ.प्र. खादी तथा ग्रामोघोग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह
ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही प्रारंभ की जाने वाली पंडित दिन दयाल
उपाध्याय ग्रामोंघोग रोजगार योजना के विषय में जानकारी दी।
Ø इस योजना के तहत उत्तर
प्रदेश के पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड के 24 जनपदों में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’
के अंतर्गत चिह्रित उघोगों को वरीयता प्रदान की जाएगी।
Ø योजना के क्रियान्वयन
से पूर्वांचल तथा बंदेलखंड क्षेत्र के जनपदों के अंतर्गत स्थापित लगभग 4500
इकाइयां लाभान्वित होगी।
Ø योजना के तहत स्थापित
इकाइयों को अधिकतम 13 प्रतिशत ब्याज उत्पादन का लाभ एवं 3 वर्षो तक अन्य
सुविधाएं अनुमन्य होगी।
Ø इसके अंतर्गत खनिज,
वन, कृषि खाघ बहुलक रसायन, इंजीनियरिंग तथा गैर-परंपरागत ऊर्जा और वस्त्र एवं
सेवा आधारित उघोग पात्र संभावित समूह के रूप में होंगे।
:- मुख्यमंत्री
समग्र ग्राम विकास योजना
Ø 24 जनवरी, 2018 को
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर
अवध शिल्प ग्राम लखनऊ में मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना का
शुभारंभ किया।
Ø योजनांतर्गत प्रदेश
के सीमावर्ती क्षेत्र (अंतरराष्ट्रीय/अंतरराज्यीय) पर स्थित उपेक्षित ग्रामों का
सर्वांगीण विकास किया जाएगा।
Ø इस योजना के तहत बनटांगिया,
मुसहर एवं थारू आदि वर्गो के बाहुल्य वाले ग्रामों का स्थायी और समेकित
विकास किया जाएगा।
Ø योजना के क्रियान्वयन
ग्राम्य विकास विभाग (अनुभाग-10) द्वारा किया जाएगा।
Ø इस योजनांतर्गत
चयनित राजस्व ग्राम में 17 कार्यदायी विभागों के 24 कार्यक्रम संचालित किए
जाएगें।
Ø पिछडे राजस्व
ग्रामों के साथ ही उनके मजरे, पुरवें और टोले-बसावटों का भी संपूर्ण विकास किया
जाएगा।
Ø योजना के तहत देश की
रक्षा में शहीद हुए सेना एवं अर्द्ध-सैनिक बलों के सैनिकों के ग्रामों को शहीद
ग्राम घोषित किया जाएगा।
Ø यदि इनके ग्राम
संपर्क मार्ग से नहीं जुडे हैं, तो उसे पक्के सडक मार्ग से जोडा जाएगा।
Ø इन मार्गों का नाम ‘गौरव
पथ’ होगा।
Ø इन ग्रामों में तोरण
द्वारा तथा शहीद हुए सैनिक की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
Ø ग्रामों का
समयांतर्गत सर्वे/चिह्रांकन कर शासन को उपलब्ध कराएं जाने हेतु मुख्य अधिकारी की
अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी।
Ø योजनाओं के क्रियान्वयन
तथा देख-रेख शासन के साथ ही मंडल और जिला स्तर पर भी समिति का गठन किया जाएगा।
Ø प्रस्तावित
योजनांतर्गत ऐसे कार्यक्रमों जिनका संतृप्तीकरण राज्य सरकार/केंद्र सरकार द्वारा
संचालित योजनाओं से नहीं हो सकेगा, को यथा मार्ग-निर्देशों के अनुसार कराए जाने की
व्यवस्था बनाए जाने पर विचार किया जाएगा।
:- न्याय ग्राम
परियोजना
Ø
16 दिसंबर, 2017 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्याय ग्राम परियोजना की आधारशिला रखी।
Ø
परियोजनांतर्गत न्याय ग्राम परिसर में एक न्यायिक
अकादमी स्थापित की जाएगी।
Ø
यह अकादमी उ.प्र. की निचली अदालतों की क्षमता
विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगी।
Ø
इस परिसर में अकादमी के अलावा ऑडिटोरियम और आवास
आदि भी निर्मित किए जाएंगे।
:- वर्मी कम्पोस्ट
इकाई स्थापना योजना
Ø
13 दिंसबर, 2017 को संपन्न उत्तर प्रदेश
मंत्रिमंडल की बैंठक में राज्य के कृषकों के हित में वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापना
योजना को संचालित करने का निर्णय किया गया।
Ø
योजनांतर्गत भूमि की उर्वरता को अक्षुण्ण रखते
हुए अधिकतम उत्पादकता प्राप्त करने के दृष्टिकोण एवं रासायनिक उर्वरकों के
दुषप्रभाव से बचने, भूमि में कार्बन, नत्रजन की मात्रा को बढाने तथा कृषकों की
आर्थिक स्थिति में परिवर्तन लाने के दृष्टिगत प्रदेश के प्रत्येक राजस्व ग्रामों
में एक इकाई प्रतिवर्ष स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई हैं।
Ø
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति एवं
महिलाओं हेतु आरक्षित ग्रामों में आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों को पहले आओ-पहले
पाओ के आधार पर चयनित किया जाएगा।
Ø
कृषक स्वंय के संसाधनों से वर्मी कम्पोस्ट पिट
सात फीट लंबा, तीन फीट चौडा एवं एक फीट गहरे आकार की इकाई में स्थापित करेंगे।
Ø
इकाई स्थापना के उपरांत प्रति इकाई पर सरकार 75
प्रतिशत अनुदान सीधे कृषकों के खाते में प्रेषित करेगी।
Ø
यह योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं उत्तर
प्रदेश सरकार द्वारा विशेष अनुदान में संचालित की जाएगी।
:- विवेकानंद यूथ
अवॉर्ड योजना
Ø
4 दिसंबर, 2017 को उ.प्र. सरकार द्वारा प्रांतीय
रक्षक दल/विकास दल एवं युवा कल्याण विभाग के अंतर्गत विवेकानंद यूथ अवॉर्ड योजना
पुन: संचालित करने हेतु निर्देशित किया गया।
:- उ.प्र. की पूर्व
की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं
Ø
सबला योजना का शुभारंभ 22 फरवरी, 2011 को राज्य के
22 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 11 से 18 वर्ष की जो किशोरियां स्कूल
नही जा सकती हैं, उनके स्वास्थ्य शिक्षा और कौशल संबंध सुधार के लिए किया गया।
Ø
जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना 13 अगस्त, 2012 को
आरंभ की गई।
Ø
रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना का शुभांरभ 9
जुलाई, 2012 को किया गया।
Ø
डॉ. राममनोहर लोहिया समग्र विकास योजना- 17 मई, 2012 से
लागू से लागू की गई।
Ø
लोहिया ग्रामीण आवास योजना- 24 मार्च, 2013 को
प्रारंभ की गई थी।
Ø
हौसला पोषण योजना की शुरूआत 15 जुलाई, 2016 को की
गई थी।
Ø
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना- गरीबी रेखा से नीचे
जीवन-यापन करने वाले परिवारों के लिए इस योजना का शुभारंभ केंद्र सरकार द्वारा 1
अक्टूबर, 2007 को किया गया।
Ø
समाजवादी एम्बंलेंस सेवा योजना का प्रारम्भ 14
सिंतबर, 2012 को किया गया।
Ø
नया सवेरा विकास योजना- 18 अगस्त, 2012 से आरंभ इस योजना के तहत
ब्याज रहित श्रम प्रदान किया जाता हैं।
Ø
शिक्षा अधिकार कानून (2009) उत्तर प्रदेश में
27 जुलाई, 2011 को पूर्णत: लागू हुआ।
Ø
उ.प्र. में शिक्षा मित्र योजना की शुरूआत 2000-01
में की गई थी।
Ø
उ.प्र. में 2 फरवरी, 2006 से पंचायत
मित्र योजना शुरू की गई थी।
Ø
कस्तूरबा गांधी बालिका विघालय योजना का शुभारंभ अगस्त,
2004 में किया गया था।
Ø
अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बालिकओं को बीमा कवच
प्रदान करने हेतु 2006-07 में बालिका श्री योजना शुरू की गई।
Ø
समाजवादी पेंशन योजना का शुभारंभ 5 नंवबर, 2014
को किया गया था।
Ø
महिलाओं से संबंधित स्वयंसिद्धा योजना का
प्रारंभ 2002-03 में किया गया।
Ø
30 हजार रू. की वार्षिक चिकित्सा मदद वाली राष्ट्रीय
स्वास्थ्य बीमा योजना 1 अप्रैल, 2008 से उ.प्र. में प्रारंभ की गई।
Ø
बीपीएल परिवारों में व्यस्क विवाह प्रात्सोहन
एवं कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु 4 फरवरी, 2009 से महामाया गरीब
बालिका आशीर्वाद योजना का शुभारंभ किया गया।
Ø
गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली बालिकाओं
के लिए बालिका समृद्धि योजना अगस्त, 1997 में आरंभ की गई थी।
Ø
सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना 4 फरवरी, 2009 से
शुरू की गई।
Ø
ग्रामीण क्षेत्रों में जच्चा-बच्चा को वाहन
सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 1 फरवरी, 2009 से संजीवनी परिवहन योजना शुरू की
गई।
Ø
10 से 19 वर्ष की बालिकाओं हेतु दिसंबर, 2008 में
सलोनी-स्वास्थ्य किशोरी योजना की शुरूआत की गई।
Ø
व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना को नंवबर, 2008 में
आरंभ किया गया जिसके तहत दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रू. की सहायता राशि
दी जाती हैं।
Ø
अम्बेडकर समग्र ग्रामीण विकास योजना का आरंभ 14 सितंबर
2007 को किया गया।
Ø
2007-08 में आदर्श नगर योजना की शुरूआत की
गई थी।
Ø
उ.प्र. में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य
मिशन का शुभारंभ 10 सितंबर, 2005 से किया गया।
Ø
3 नंवबर, 2014 विकलांग जन के भौतिक, शैक्षिक तथा
आर्थिक पुनर्वास पर केंद्रित नि:शक्त जन के समग्र विकास हेतु राज्य पुनर्वास
नीति, 2014 मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित कर दी गई।
Ø
राज्य सरकार ने इस योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18
में जनपद स्तर पर प्रथम स्थान करने वाली इकाइयों को पुरस्कृत करने हेतु 3
लाख 75 हजार रूपये की धनराशि का आवंटन किया हैं।
Ø
योजनांतर्गत युवक मंगल दलों एवं महिला दलों में
से जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्तकर्ता इकाई को पुरस्कृत किए जाने हेतु
प्रति जनपद 5 हजार रूपये का आवंटन किया गया हैं।
Ø
प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार युवक एवं महिला
मंगल दलों के कार्य कलापों और उपलब्धियों के मात्राकरण का आकलन कर पूर्व में
निर्धारित 10 बिंदुओं को आवश्यकतानुसार घटाते और बढाते हुए और अधिक व्यवहारिक
बनाया गया हैं।
Ø
सामाजिक वृक्षारोपण और परिवार कल्याण का
सरलीकरण किया गया हैं।
Ø
साथ ही खेलकूद एवं अल्प बचत योजना के पुराने
बिंदुओं को यथावत रखते हुए रक्तदान, नशामुक्ति, जल सरंक्षण, पुस्तकालय/वाचनालय
की स्थापना का संचालन, जैविक खेती, सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से संबंधित नए
बिंदु पुराने के स्थान पर शामिल किए गए हैं।
:- मुख्यमंत्री
सामूहिक विवाह योजना
Ø 3 अक्टूबर, 2017 को
संपन्न उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह
योजना शुरू किए जाने का निर्णय किया गया।
Ø वह योजना प्रदेश में
गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्ग के व्यक्तियों की पुत्रियों की
शादी हेतु समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित किया जाना प्रस्तावित हैं।
Ø पात्र कन्या के
अभिभावक उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों औंर उनकी पारिवारिक आय गरीबी रेखा के
नीचे हों।
Ø इस योजनांतर्गत
कार्यक्रम के आयोजन हेतु निम्नलिखित संस्थाएं नगरीय निकाय (नगर पंचायत,
नगरपालिका, नगर निगम), क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, और ऐसी शासकीय/अर्द्ध-शासकीय
एवं स्वैच्छिक संस्थाएं (NGO) अधिक होगी जिन्हें जिलाधिकारी द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम हेतु
अधिकृत किया जाएगा।
Ø इस योजना में सरकार
प्रति जोडे पर 35,000 रूपये की धनराशि व्यय करेंगी।
Ø सामूहिक विवाह
कार्यक्रमय में न्यूनतम 10 जोडों का होना अनिवार्य हैं।
Ø इस योजनांतर्गत सभी
वर्गो के पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किए जाने हेतु 250 करोड रूपये का बजट
आवंटित किया गया हैं।
Ø योजना का
प्रचार-प्रसार जिलाधिकारी एवं जिन निकायों में विवाह आयोजित किए जाने हैं, के
द्वारा किया जाएगा।
:- निधि-ई.आई.आर. योजना
Ø 28 अगस्त, 2017 को
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निधि-ई. आई.आर. (नेशनल
इनीशिएटिव फॉर डेवलपिंग एंड हॉर्नेसिंग इनोवेशन्स-एंट्रेप्रिन्योर इन रेजीडेंस)
योजना का शुभारंभ किया।
Ø योजनांतर्गत प्रदेश
के अग्रणी इंजीनियरिंग कॉलेजों के ऐसे 11 छात्रों को चयनित किया गया हैं जिनके
आइडिया बहुत अनोखे हैं।
Ø इस योजना के तहत इन
चयनित युवकों को आगामी एक वर्ष तक 20 हजार से 30 हजार रूपये प्रतिमाह तक की
फेलोशिप प्रदान की जाएगी।
Ø इसके बाद इनकी
अर्ह्रता के अनुसार सीड सपोर्ट मनी (कोलैट्रल फ्री ऋण) भी दिया जा सकता हैं।
Ø जिससे वह अपना स्टार्टअप
संचालित कर स्वयं को आर्थिक रूप से सुदृढ करने के साथ ही, देश के आर्थिक विकास को
भी गति प्रदान कर सकें।
Ø इन छात्रों के
प्रोजेक्टों में गो ग्लास, एजर्जी इफीशिएंट इकोनॉमिकल मोटर बाइक, सेंसर बेस्ड
स्मार्ट बेस्ट मैनेजमेंट सिस्ट, प्रदूषण की रोकथाम हेतु हाइब्रिड इलेक्ट्रिकल
बाई-साइकिल इत्यादि का निर्माण शामिल हैं।
:- उ.प्र. चावल
निर्यात प्रोत्साहन योजना (2017-22)
Ø 13 दिसंबर, 2017 को
उ.प्र. मंत्रिमंडल की संपन्न बैठक में उ.प्र. चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना को
आगामी पांच वर्षो (2017-22) के लिए लागू करने का निर्णय किया गया।
Ø यह योजना 7
नंवबर, 2017 से 6 नवंबर, 2022 तक लागू रहेगी।
Ø योजनांतर्गत प्रत्यक्ष
एवं अप्रत्यक्ष निर्यातकों को मंडी शुल्क एवं विकास सेस पर छूट प्रदत्त होगी।
Ø बासमती चावल का
निर्यात दायित्व सिद्ध करने हेतु धान से चावल की रिकवरी का न्यूनतम मानक 45
प्रतिशत रखा गया हैं।
Ø नान-बासमती चावल
निर्यात के संदर्भ में निर्यात दायित्व सिद्ध करने हेतु धान से चावल की रिकवरी का
न्यूनतम मानक 50 प्रतिशत निर्धारित हैं।
Ø प्रत्यक्ष
निर्यातकों को एपीडा (भारत सरकार की संस्था) में कराए गए पंजीकरण को मान्यता
प्रदान की जाएगी। उन्हें प्रदेश में पृथक रूप से कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा।
Ø अप्रत्यक्ष
निर्यातकों को शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पंजीकरण कराना होगा।
Ø प्रत्यक्ष निर्यातक
यदि किसान या किसान उत्पादक संघ से क्रय करता हैं, तो उसे 2.5 प्रतिशत की छूट एवं
आढतियों के माध्यम से क्रय करता हैं, तो 2 प्रतिशत की छूट प्रदत्त होगी।
:- प्रधानमंत्री फसल
बीमा योजना
Ø 18 अप्रैल, 2017 को
संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने का
निर्णय किया गया।
Ø इस योजना की अवधि 2
वर्ष (2017-18 से 2018-19 तक) हैं।
Ø यह योजना इस अवधि
में खरीफ फसलों एवं रबी फसलों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदेश के सभी जनपदों
में लागू की जाएगी।
Ø योजनांतर्गत
प्रतिकूल मौसम की स्थितियों के कारण अघिसूचित क्षेत्र में अघिसूचित फसल की बुवाई न
कर पाने/असफल बुवाई की स्थिति, फसल बुवाई से कटाई की अवधि में प्राकृतिक आपदाओं,
रोगों, कृमियों से फसल नष्ट होने की स्थिति तथा फसल कटाई के बाद आगामी 14 दिनों
में खेत में कटी हुई फसल की क्षति की स्थिति में कृषकों को बीमा कवर के रूप में
वित्तीय सहायता प्रदत्त की जाएगी।
Ø इस योजना में
अघिसूचित फसल के उत्पादक फसली ऋण लेने वाले सभी ऋणी कृषकों को अनिवार्य आधार पर
तथा गैर-ऋणी कृषकों को स्वैच्छिक आधार पर शामिल किया जाएगा।
Ø फसल के प्रति हेक्टेयर
उत्पादन लागत बीमित राशि के रूप में निर्धारित होगी।
Ø खाघ फसलों-अनाज व
दलहन, तिलहन हेतु कृषक द्वारा वाहित प्रीमियम अंश को खरीफ फसलों हेतु बीमित राशि
के 2 प्रतिशत तथा रबी फसलों हेतु डेढ प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम दर जो कम हो
तक सीमित रखा जाएगा।
Ø खरीफ एवं रबी की
वार्षिक नकदी फसलों/वार्षिक औघानिकी फसलों के लिए कृषक द्वारा वाहित प्रीमियम अंश
को बीमित राशि के 5 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम दर जो कम हो, तक सीमित रखा
गया हैं।
Ø कृषकों द्वारा वाहित
प्रीमियम अंश से अधिक एवं फसल के वास्तविक प्रीमियम दर के अंतर्गत की धनराशि को
प्रीमियम पर अनुदान के रूप में केंद्र व राज्य सरकार बराबर-बराबर वहन करेंगी।
Ø फसल की बुवाई से
कटाई की समयावधि में प्राकृतिक आपदाओं, रोगों, कृमियों से फसल की क्षति का आकलन
बीमा इकाई स्तर पर निर्धारित संख्या में फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज के
आधार पर आकलित होगी।
Ø बीमा कंपनी द्वारा
कृषकों को देय क्षतिपूर्ति की राशि बैंक खातें में जमा कराई जाएगी।
:- पुनर्गठित मौसम
आधारित फसल बीमा योजना
Ø 18 अप्रैल, 2017 को
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू करने
का निर्णय किया गया।
Ø इस योजना की अवधि 2
वर्ष (2017-18 से 2018-19 तक) हैं।
Ø यह योजना खरीफ और
रबी फसलों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदेश के सभी जनपदों में लागू होगी।
Ø इस योजना के तहत
जनपद कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, बाराबंकी, कौशाम्बी व महराजगंज में केले की फसल
एवं जनपद फतेहपुर, फिरोजाबाद, लखीमपुर-खीरी, बाराबंकी, मिर्जापुर व बरेली में
मिर्च की फसल को ब्लॉक में मिर्च की फसल को ब्लॉक में स्थापित मौसम केंद्र स्तर
पर बीमित किया जाएगा।
Ø योजना हेतु चयनित
जनपदों के प्रत्येक ब्लॉक में स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से मौसम मापी यंत्र
द्वारा कम वर्षा/अधिक वर्षा, कम व अधिक तापमान आदि का प्रतिदिन का आंकडा एकत्रित
किया जाएगा।
Ø इन एकत्रित आंकडों
के आधार पर योजना के प्राविधानों के अनुसार, क्षति का आकलन कर कृषकों को
क्षतिपूर्ति का भगुतान उनके बैंक खाते में किया जाएगा।
Ø भारत सरकार द्वारा
नामित बीमा कंपनी को क्रियान्वयक अभिकरण नियुक्त किया जाएगा।
Ø प्रदेश में संचालित
फसल बीमा योजनांतर्गत जनपद स्तर पर जोखिमों के दृष्टिगत प्रदेश के सभी (75)
जनपदों को 6-7 जनपदों के बारह में विभाजित किया जाएगा।
Ø यह योजना निविदा के
माध्यम से बीमा कंपनियों को चयनित कर संचालित होगी।
:- एडवांस लाइफ
सपोर्ट एंबुलेंस सेवा
Ø 13 अप्रैल, 2017 को
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस
सेवा’ का शुभारंभ किया।
Ø इस अवसर पर मुख्यमंत्री
ने 150 एंबुलेंसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
Ø यह सभी संबुलेंस
जीवन रक्षक प्रणालियों से सुसज्जित हैं।
Ø इन एंबुलेंसों में
ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर, मल्टी पैरा मॉनीटर, डिफिब्रिलेंटर, फीटल डॉप्लर जैसे
विशिष्ट उपकरण लगे हैं।
Ø शीघ्र ही 100 अतिरिक्त
एंबुलेंस भी इस सेवा में शामिल की जाएंगी।
Ø यह सभी एंबुलेंस
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत उपलब्ध कराई
हैं।
Ø एंबुलेंस को जीपीएस
सिस्टम में मॉनीटर किया जाएगा।
Ø जी.वी.के.-ई.एम.आर.आई.
के माध्यम से यह सेवा संचालित होगी।
Ø इस सेवा का फोन नंबर
‘108’ हैं।
Ø इस नंबर पर सेवा के
तहत कॉल करने पर यह एंबुलेंस 15 मिनट के भीतर सेवा में उपलब्ध होगी।
Ø इसकी संचालन अवधि 5
वर्ष हैं।
Ø इस सेवा का इमरजेंसी
रिस्पांस सेंटर लखनऊ में स्थापित हैं।
Ø सेवा प्रदाता को
एंबुलेंस द्वारा माह में कुल तय की गई दूरी के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
Ø यदि एंबुलेंस के
सामान्य उपकरणों, औषधियों, कंज्यूमेबल आदि में कमी पाई जाती हैं, तो सेवा
प्रदाता कंपनी पर 1000 रूपये प्रति ये प्रति डिफाल्ट पेनाल्टी देय होगी।
Ø एयरकंडीशनर, एडवांस
उपकरणों में कमी पाए जाने पर 10,000 रूपये प्रति डिफाल्ट पेनाल्टी देय होगी।
:- उत्तर प्रदेश
में खाघ सुरक्षा अधिनियम, 2013
Ø 1 मार्च, 2016 को उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री ने खाघ सुरक्षा अधिनियम, 2013 का औपचारिक शुभारंभ किया।
Ø उन्होंने 15
लाभार्थियों को खाघान्न वितरित कर इस अधिनियम के क्रियान्वयन की विधिवत शुरूआत
की।
Ø लाभार्थियों में
सामान्य, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछडा वर्ग के लोग शामिल थे।
Ø इस अधिनियम के तहत
प्रत्येक लाभार्थी को 5 किलोग्राम खाघान्न (3 किग्रा. गेहॅू + 2 किग्रा. चावल)
उपलब्ध कराया जाना हैं जिसमें 2 रू प्रति किग्रा. गेहॅू और 3 रू. प्रति किग्रा.
चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
Ø इस योजना के
क्रियान्वयन से 40.94 लाख अंत्योदय परिवारों की 1.64 करोड की आबादी लाभान्वित
होगी।
Ø भविष्य में इस
अधिनियम से प्रदेश की लगभग 75 प्रतिशत आबादी लाभान्वित होगी।
Ø कुल खाघान्न आवंटन
में पहले की अपेक्षा लगभग 35 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई हैं।
:- पं. दीन दयाल
उपाध्याय किसान समृद्धि योजना
Ø 8 अगस्त, 2017 को
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की हुई बैठक में राज्य में पं. दीन दयाल उपाध्याय किसान
समृद्धि योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया।
Ø यह योजना वर्ष 2017-18
से 2021-22 तक प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के 7 जनपदों को छोडकर शेष 68
जनपदों में संचालित होगी।
Ø इस योजना के तहत
चयनित परियोजना क्षेत्र के सभी कृषक एवं कृषक मजदूर लाभार्थी होंगे।
Ø परियोजना जलसमेट
क्षेत्र के आधार पर चयनित की जाएगी।
Ø परियोजना क्षेत्र के
चयन के उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जहॉ लघु-सीमांत कृषकों, अनुसूचित
जाति व जनजाति कृषकों एवं भू-आवंटी की अधिकता होगी।
Ø परियोजनांतर्गत
सामुदायिक प्रकृति से संबंधित कार्य यथा-बांध निर्माण, सुरक्षित जल निकासी हेतु
नाले का निर्माण आदि में यदि सामान्य कृषकों की भूमि शामिल हैं, तो लाभार्थी के
रूप में उन्हें भी सम्मिलित किया जाएगा।
Ø चयनित परियोजना
क्षेत्र के शत-प्रतिशत अनुदान पर बीहड/बंजर भूमि सुधार तथा जल भराव क्षेत्र
उपचारित होगा।
Ø राज्य सेक्टर से
बीहड/बंजर क्षेत्र सुधार का कार्य तथा जलभराव क्षेत्र के उपचार का कार्य मनरेगा के
तहत क्रियान्वित होगा।
Ø परियोजना क्षेत्र
में आवश्यकतानुसार कृषि/वानिकी/उघानीकरण के साथ-साथ उपचारित क्षेत्र में 50
प्रतिशत अनुदान पर फसलोत्पादन कार्य भी संपादित होंगे।
Ø योनांतर्गत विभिन्न
वर्षो (वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22) में कुल 477.33 करोड
रूपये (433.20 करोड रूपये राज्य सेक्टर से, 9 करोड रूपये मनरेगा से एवं 35.13
करोड रूपये कृषक अंश) के व्यय पर 171186 लाख हेक्टेयर समस्याग्रस्त भूमि का
उपचार किया जाएगा।
Ø वर्ष 2017-18 के बजट
में इस योजना के संचालन हेतु 10 करोड रूपये की राशि का प्रावधान किया गया हैं।
Ø वर्तमान वित्तीय
वर्ष में शेष धनराशि की व्यवस्था कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में बचत की
धनराशि का पुनर्विनियोग के माध्यम से अनुमानित हैं।
Ø यह योजना संचालित
होने से कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी जिसके फलस्वरूप कृषकों की
आय में वृद्धि होगी।
:- नया सवेरा योजना
Ø 16 जून, 2017 को उत्तर
प्रदेश में श्रम विभाग द्वारा ‘नया सवेरा’ योजना की शुरूआत की गई।
Ø योजना का उद्देश्य
श्रमिक बच्चों को चिह्रित करके बालश्रम से मुक्ति दिलाना और इनका सामाजिक,
शैक्षिक और नैतिक विकास करना हैं।
Ø योजना के तहत
बालश्रम से सर्वाधिक प्रभावित 20 जिलों के चिह्रित ग्रामों (हॉट स्पॉट) को
बालश्रम से मुक्त किए जाने हेतु डोर-टू-डोर सर्वेक्षण किया जाएगा।
Ø 14 वर्ष से कम आयु
के सभी कामकाजी बच्चों को सूचीबद्ध कर इनको विघालय भेजने तथा तकनीकी ज्ञान उपलब्ध
कराने पर विशेष बल दिया जाएगा।
Ø इस कार्य हेतु
सहयोगी संस्था शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, पंचायती राज व
ग्राम पंचायतें होंगी।
Ø योजना का प्रभावी
क्रियान्वयन और अनुश्रवण ब्लॉक स्तर पर गठित ‘बाल अधिकार संरक्षण समिति’ तथा
जिला स्तर पर ‘जनपदीय बालश्रम उन्मूलन समिति’ करेगी।
Ø योजनांतर्गत प्रथम
चरण में 11 जनपदों (बरेली, कानपुर नगर, इलाहाबाद, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, गोंडा,
श्रावस्ती, बहराइच, गोरखपुर और बलरामपुर) के 600 ग्रामों को बालश्रम से मुक्त
किया जाएगा।
Ø इसके बाद 9 जिलों
(वाराणसी, सोनभद्र, मिर्जापुर, गाजियाबाद, आगरा, मुरादाबाद, बदायूं, लखनऊ और
बाराबंकी) के 316 ग्रामों को बालश्रम से मुक्त करने की कार्ययोजना हैं।
Ø इस योजना के तहत जिन
ग्राम या वार्ड में 20 से अधिक श्रमिक बच्चे पाए जाएंगे उन वार्डो या ग्रामों को
हॉट स्पॉट की श्रेणी में सूचीबद्ध कर प्राथमिकता के आधार पर बालश्रम उन्मूलन
कार्यक्रम संचालित होगा।
Ø वर्तमान में उत्तर
प्रदेश में श्रमिक बच्चों की संख्या 21.76 लाख हैं।
:- नि:शुल्क विघुत
कनेक्शन योजना
Ø 30 जून, 2017 को उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी गरीब परिवारों के लिए नि:शुल्क
विघुत कनेक्शन योजना का शुभारंभ किया।
Ø इस अवसर पर मुख्यमंत्री
ने शहरी गरीब परिवारों को इस योजना के तहत 10 लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी
प्रदान किए।
Ø ऐसे गरीब परिवार
जिनका नाम बी.पी.एल. सूची में नहीं हैं राज्य सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को दूसरे
चरण में बिजजी कनेक्शन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
Ø मुख्यमंत्री ने
विघुत उपभोक्ताओं के लिए इस अवसर पर ‘ई-निवारण’ मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया।
Ø ध्यातव्य हैं कि
वर्तमान में प्रदेश में 60 लाख परिवार ऐसे हैा जिनके पास बिजली का कनेक्शन नहीं
हैं।
UP GK for VDO, LEKHPAL EXMS (उत्तर प्रदेश की प्रमुख योजनाएं)
Reviewed by Unknown
on
July 25, 2018
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